भारत के सबसे बड़े कोर्ट सुप्रीम कोर्ट से यह खबर निकल कर सामने आ रही है कि भारतीय कंट्रोल बोर्ड के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जो कूलिंग ऑफ पीरियड की याचिका जाहिर की गई थी उसे मंजूरी मिल चुकी है। जिसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया है कि किसी भी अधिकारी को 12 साल तक अपने पद पर कार्यरत रहना है।
जब से सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह निर्णय लिया गया है सौरव गांगुली और सचिव जयंत शाह अपनी दूसरी पारी के योग्य बन गए हैं लेकिन सौरव गांगुली को उनके पद से हटाया भी जा सकता है जिसके पीछे की वजह निम्न है।
सौरव गांगुली की कुर्सी को खतरा
2019 में भारतीय पूर्व खिलाड़ी सौरव को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और जया शाह को नए सचिव के रूप में चुना गया था। जिसके बाद बीसीसीआई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद से चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है जिसके अनुसार अब अन्य सभी सदस्यों को दोबारा से अपने पद के लिए चुनाव लड़ना पड़ेगा और इस बार सौरव गांगुली के जीत के आसार काफी कम नजर आ रहे हैं।
ये बनेगा BCCI का नया अध्यक्ष
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( BCCI) के अध्यक्ष पद के लिए सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद फैसला सालाना आम बैठक (AGM) में किया जाएगा। सौरव गांगुली पद पर बने रहने के लिए योग्य है बस उन्हें बोर्ड के सामने एक बार फिर से चुनाव जीतना होगा। जिसमें ये मत सामने आया है कि कोरोना के बावजूद इंडियन प्रीमियर लीग को सफल बनाने में जय शाह का बड़ा योगदान रहा है। जिसके बाद सदस्यों का मत है कि जय शाह (Jay Shah) अध्यक्ष बनने के बड़े दावेदार बन गए हैं। एक राज्य संघ के सदस्य ने मीडिया वेबसाइट से बातचीत के दौरान कहा है कि “यह सही समय है जब शा बोर्ड की कमान संभालेंगे और सभी संघ उनका समर्थन करने के लिए तैयार हैं।
सौरव गांगुली का होगा क्या
सौरव तो इतने सैलून से काफी अच्छा काम करते आ रहे हैं जिसके चलते उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी ICC का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। सौरव गांगुली के लिए इस बारे में पहले भी बातचीत की खबर समाने आई थी लेकिन अब एक मीडिया चैनल के माध्यम से पता चला है कि पूर्व भारतीय कप्तान आईसीसी अध्यक्ष सौरव गांगुली की भूमिका नवंबर में ले सकते हैं।