पिता ने बेचे जूते-चप्पल, बेटे को बनाया क्रिकेटर, अब उसी खिलाड़ी ने खोली हार्दिक पांड्या की किस्मत, जीत लिया दिल

अभिनव मनोहर

25 अप्रैल मंगलवार को मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटन्स टीम के बीच खेले गए आईपीएल 2023 के 35वें मुकाबले में गुजरात टाइटन्स टीम की तरफ से धमाकेदार बल्लेबाजी करने वाले अभिनव मनोहर का जीवन काफी ज्यादा मुश्किलों में बीता है. अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मुंबई इंडियंस टीम के खिलाफ इस मैच में, अभिनव मनोहर द्वारा खेली गई ताबड़तोड़ पारी की बदौलत थी गुजरात टीम 55 रनों के बड़े अंतर से इस मैच को जीतने में कामयाब हो पाई.

वाही बात करें इस मैच की तो पहले बल्लेबाजी करते हुए गुजरात टिटनस ने निर्धारित भी 20 ओवर में मुंबई इंडियंस के सामने 208 रनों का विशाल लक्ष्य रखा. जिसे पूरा करने में मुंबई इंडियंस बुरी तरीके से नाकामयाब साबित हुई और इस मुकाबले को अपने हाथों से गवा बैठी. बात करें गुजरात टीम की तरफ से अभिनव मनोहर द्वारा की गई बल्लेबाजी की तो उन्होंने अपने टीम के स्कोर में 42 रनों का महत्वपूर्ण योगदान दिया था. मनोहर द्वारा खेली गई पारी की वजह से उनको “प्लेयर ऑफ द मैच” के अवार्ड से भी नवाजा गया.

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लेकिन क्या आपको पता है अभिनव मनोहर को आईपीएल के मैदान तक पहुँचाने में सबसे बड़ा हाथ उनके पिताजी का रहा जिन्होंने जूते चप्पल बेचकर उनको क्रिकेटर बनने में सहयोग दिया. अगर आपको यह नहीं पता तो इसलिए की मदद से हम आपको इन सब बातों के बारे में बताने वाले हैं. तो बने रहिये अंत तक…

सबसे पहले जानिए आखिर कौन है अभिनव मनोहर

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हम आपको बता दें कि अभी न मनोहर भारतीय क्रिकेट के घरेलू टूर्नामेंट में कर्णाटक टीम की तरफ से खेला करते हैं. उन्होंने स्येद मुश्ताक अली ट्रॉफी टूर्नामेंट में धमाकेदार प्रदर्शन से आईपीएल फ्रैंचाइज़ी को अपनी तरफ आकर्षित किया था. वह अपने लंबे-लंबे चौके छक्के लगाने के लिए काफी ज्यादा जाने जाते हैं जिसके कारण फ्रैंचाइज़ी उनको खरीदने के लिए पागल थी. जिसके कारण आईपीएल 2023 के मिनी ऑक्शन मैं उनको उनके बेस्ट प्राइस से 13 गुना ज्यादा पैसे देकर गुजरात टाइटन्स से अपनी टीम में शामिल किया था. गुजरात ने उनको कुल मिलकर 2.6 करोड़ रुपये में ख़रीदा है.

जूते चप्पल बेचा करते थे अभिनव मनोहर के पिता

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अभिनव मनोहर एक गरीब फॅमिली से बिलोंग करते थे, जिसके कारण उनका पूरा बचपन आर्थिक तंगी के कारण काफी संघर्ष से भरा गुजरा है. इतनी कठिनाइयां और मुश्किलें होने के बाद भी मनोहर ने अपने खेल पर पूरी तरीके से ध्यान लगाया और अपने पिता का नाम आज रोशन करके दिखा रहे हैं. हम आपको बता दें कि उनके पिता की एक बेंगलुरू में जुटे चप्पल की दुकान है. और मनोहर को आज इस काबिल बनाने में उनका काफी बड़ा योगदान है जिसे मनोहर कभी भी अदा नहीं कर सकते. बचपन से ही अभिनव मनोहर क्रिकेट जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते थे, जिसकी शुरुआत उन्होंने कर दी है.

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