श्रीलंका के 4 गिल्लियां बिखेरने के बाद भी खुश नहीं है मोहम्मद सिराज, कहा इस बात का हमेशा रहेगा मलाल की नहीं ले पाया….

मोहम्मद सिराज

श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाफ वनडे सीरीज का तीसरा और आखिरी मैच तिरुवनंतपुरम में स्थित ग्रीन फील्ड क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया। इस मैच में भारतीय टीम ने श्रीलंका को 317 रन के अविश्वसनीय अंतर से हरा दिया। टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम ने निर्धारित 50 ओवर में केवल 5 विकेट खोकर 390 रन का पहाड़ जैसा स्कोर श्रीलंका क्रिकेट टीम के सामने खड़ा किया था।

भारतीय टीम के स्कोर को इतना ऊंचा बनाने में सबसे बड़ा हाथ शुभमन गिल और विराट कोहली का रहा। इंडियन टीम की तरफ से बैटिंग करते हुए शुभमन गिल ने 116 रन और विराट कोहली ने 166 रन की नाबाद शतकीय पारी खेली। इसके जवाब में श्रीलंका क्रिकेट टीम के 22 ओवर में केवल 73 रन बनाकर ऑल आउट हो गई।

श्रीलंका टीम को मिली शर्मनाक हार

घायल होने के कारण अशेन बंडारा मैदान पर खेलने नहीं आ सके। जिसके वजह से श्रीलंका की पारी को 9 विकेट गिर जाने के बाद समाप्त कर दिया गया। कुछ इस प्रकार से भारतीय टीम ने 317 रन से जीत हासिल की। केवल यही मैच नहीं श्रीलंका खिलाड़ी खिलाफ हुए पहले के दो मैच में भी भारतीय टीम ने जीत हासिल की थी। जिसके बाद अब भारतीय टीम ने 3-0 से श्रीलंका को क्लीन स्वीप कर दिया है।

इसके साथ-साथ भारतीय क्रिकेट टीम ने वनडे इतिहास की सबसे बड़ी जीत हासिल की है। भारतीय टीम से पहले या रिकॉर्ड न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के नाम था जिसने साल 2008 में आयरलैंड टीम को 290 रन से हराया था। लेकिन अब भारतीय टीम ने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 317 रन से श्रीलंका के खिलाफ तीसरा वनडे मैच जीत कर इस रिकॉर्ड को अपना नाम लिया है।

5 नहीं ले पाया इस बात का दुख है- मोहम्मद सिराज

श्रीलंका किला तीसरा वनडे मैच में केवल भारतीय टीम की तरफ से विराट कोहली और शुभमन गिल ने कमल नहीं दिखाया बाल्की स्टार गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने भी अपने खतरनाक बॉलिंग स्पेल से विरोधी टीम की खटिया खडी कर दी। भारतीय टीम की तरफ से गेंदबाजी कराटे हुए मोहम्मद सिराज ने 10 ओवर में केवल 32 रन देकर श्रीलंका क्रिकेट टीम के 4 मुख्य बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया।

मैच के बाद मोहम्मद सिराज ने पोस्ट मैच प्रोजेक्शन में कहा की, “मैं मैच में और भी अच्छा कोशिश करना चाहता था, क्योंकि मुझे अपने करियर का फाइफर हासिल करना था। लेकिन लाइफ में आपको केवल उतना ही मिलता है जितने कि आप हकदार हो। लेकिन मैच में विकेट लेने वाले गेंदे थी। मैं केवल आईएसआई टाइप कि गेंडन से सामने खड़े बल्लेबाजों के मन में संदेह पैदा करने में कामयाब साबित होता हूं। हमारे कप्तान ने मुझे पांचवी विकेट दिलाने की काफी ज्यादा कोशिश की लेकिन हम और कर भी क्या सकते हैं।”

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