16 साल पहले टी-20 क्रिकेट में पहली बार किसी खिलाड़ी ने लगातार छह छक्के उड़ाए थे। इस मैच के बाद ही युवराज सिंह को सिक्सर किंग का नाम मिला था। मौका था वर्ल्ड टी-20 का। युवाओं से सजी टीम इंडिया लगातार अपने मिशन पर बढ़ रही थी। लीग मैच में अगला मुकाबला इंग्लैंड से था। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सहवाग-गंभीर ने शानदार शुरुआत की। दोनों ने अपने-अपने अर्धशतक भी पूरे किए।
17वें ओवर में आए युवराज
स्कोर जब 155 रन था तब रॉबिन उथप्पा के रूप में टीम का तीसरा झटका लगा। यह लगातार तीन ओवर में भारत को मिला तीसरा झटका था। अब क्रीज पर धोनी और युवराज दो नए बल्लेबाज थे। उस दिन युवी अलग मूड में लग रहे थे। पहली गेंद डॉट खेलकर पिच का मिजाज भांपा फिर अपनी दूसरी बॉल को कवर्स के ऊपर से चौके के लिए भेज दिया। अगले ओवर में एंड्र्यू फ्लिंटॉफ को दो चौके मारे तो इंग्लिश ऑलराउंडर चिढ़ गया। ओवर खत्म होने पर युवी को गला काटने तक की धमकी दे डाली।
एंड्र्यू फ्लिंटॉफ से विवाद बढ़ गया। अंपायर्स को बीच-बचाव करना पड़ा। गुस्से से तमतमाए युवराज सिंह ने अपनी सारी भड़ास स्टुअर्ट ब्रॉड पर निकाल दी। तब 21 साल के रहे ब्रॉड की युवी ने ऐसी धुनाई की कि मिसाल ही बन गई। युवराज ने एक ओवर में छह छक्के जड़े। साउथ अफ्रीका के किंग्समीड मैदान में ऐसा बल्ला चला कि चारों कोने में छक्के की बरसात हुई। इस मैच में युवराज ने टी-20 इंटरनैशनल में 12 गेंदों पर हाफ सेंचुरी भी लगाई थी, जो आज भी वर्ल्ड रिकॉर्ड है।